delhi time news 24x7एजुकेशनखेलदेशमनोरंजनमौसमलाइफस्टाइलविज्ञान-टेक्नॉलॉजीशहर और राज्यसमाचार अंसल समूह दिवालिया घोषित, CM योगी बोले- एक भी बायर से धोखा किया तो पाताल से भी निकालकर सजा दिलाएंगे Last updated: 2025/03/04 at 3:02 PM news-admin 1 week ago Share SHARE अंसल समूह दिवालिया घोषित, CM योगी बोले- एक भी बायर से धोखा किया तो पाताल से भी निकालकर सजा दिलाएंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस इस मामले में निवेशकों की तहरीर पर एफआईआर करेगी. एलडीए निवेशकों को साथ लेकर दस्तावेज़ों की जांच करेगी. लखनऊ: देश के नामी बिल्डर अंसल समूह को दिवालिया घोषित कर दिया गया है. अंसल ग्रुप के दिवालिया होने से हज़ारों निवेशकों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अंसल समूह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और इस फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी. सीएम योगी ने इस मामले पर कहा है कि अंसल तो सपा की ही उपज थी. उसने एक भी होम बायर के साथ धोखा किया तो उसकी सारी संपत्ति जब्त कर लेंगे. उन्होंने कहा कि पहले माफिया दौड़ाता था, पुलिस भागती थी, माफिया को पुलिस सैल्यूट करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. पाताल से भी ले आएंगे और सजा दिलाएंगे. लखनऊ में 5 हज़ार से ज़्यादा लोगों के पैसे एक दशक से ज़्यादा समय से अंसल ग्रुप में फंसे हुए हैं. अब तक ना ज़मीन मिली और ना उनके पैसे ही वापस हुए. ऐसे में अब जब अंसल समूह के दिवालिया होने की ख़बर निवेशकों को मिली तो लखनऊ में उन्होंने प्रदर्शन किया. मामला मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचा. अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ़ कह दिया है कि निवेशकों के साथ धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सीएम ने अंसल समूह के ख़िलाफ़ एफआईआर करने के निर्देश देते हुए कहा है कि निवेशकों और एलडीए के अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी, ताकि मज़बूती से कोर्ट में मामले की पैरवी की जा सके दरअसल अंसल समूह ने एक निजी कंपनी से 250 करोड़ रुपए का लोन लिया. इसमें से 83 करोड़ रुपए बकाया हैं. कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी में ख़ुद को पैसे चुकाने में असमर्थ बताया. एनसीएलटी ने अंसल समूह के दावे के आधार पर उसे दिवालिया क़रार दे दिया है. अब जब निवेशकों ने हंगामा किया तो यूपी सरकार ने एनसीएलटी के इस फ़ैसले को एकतरफ़ा सुनाया गया फ़ैसला बताते हुए कोर्ट में इसे चुनौती देने की बात कही है. एनडीटीवी ने लखनऊ में इसको लेकर कुछ लोगों से बात की, जिन्होंने अपने पैसे अंसल समूह में लगाए थे. आज लड़ते-लड़ते लगभग डेढ़ दशक बीत गए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. इन ग्राहकों ने बताया कि साल 2006 में अंसल ने टाउनशिप शुरू की. इसके बाद 2011 में फेज़ 2 के नाम पर ग्राहकों से लुभावने ऑफर देकर पैसे लिए गए. कहा गया कि टाउनशिप में सीवर और पानी की पाइपलाइन लगने के बाद रोड और पार्क का काम होगा. ये काम बेहद कम समय में पूरा कर ज़मीन का पोजिशन देने का दावा किया गया. ग्राहकों ने 90-95 प्रतिशत पैसे लगा दिए. आज लगभग 15 साल होने को हैं लेकिन ज़मीन नहीं मिली. ग्राहकों का कहना है कि उन्हें अंसल समूह के नाम और एलडीए के अप्रूवल की वजह से यक़ीन था कि उनके साथ धोखा नहीं होगा, लेकिन आजतक उनकी समस्या का समाधान नहीं निकल सका. अंसल समूह ने जब लखनऊ में टाउनशिप शुरू की, तब यूपी के बड़े बिजनेसमैन सर्वेश गोयल पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने बड़ा पैसा सुशांत गोल्फ सिटी नाम के अंसल के प्रोजेक्ट में लगाया. सर्वेश गोयल ने जीडी गोयनका स्कूल बनाया और उसके बाद द सेंट्रल नाम से फाइव स्टार होटल में निवेश किया. सर्वेश गोयल यहीं एक मॉल बनाना चाहते थे. मॉल के लिए उन्होंने अंसल समूह से ज़मीन का एक बड़ा टुकड़ा ख़रीदने के लिए साल 2010 में एग्रीमेंट टू सेल किया. आज 15 साल बाद भी अंसल समूह ने उन्हें ज़मीन नहीं दी. सर्वेश गोयल जैसे बड़े कारोबारी भी इस धोखाधड़ी के शिकार हुए. सर्वेश गोयल ने बताया कि कैसे उनके साथ फ्रॉड हुआ. अंसल के सुशांत गोल्फ सिटी प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले ग्राहकों ने सोमवार को एक विरोध प्रदर्शन किया था. इसमें स्थानीय बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह ने ग्राहकों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. शाम को एलडीए की तरफ़ से वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि अंसल समूह के ख़िलाफ़ आ रही शिकायतों के आधार पर एफ़आईआर कर कार्रवाई की जाएगी. फ़िलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस इस मामले में निवेशकों की तहरीर पर एफआईआर करेगी. एलडीए निवेशकों को साथ लेकर दस्तावेज़ों की जांच करेगी. इस बीच अंसल समूह ने अख़बारों में विज्ञापन देकर दावा किया है कि जानबूझकर उसके ख़िलाफ़ ग़लत दावे किए जा रहे हैं. ऐसे में अब जांच के आधार पर पूरी बात निकलकर सामने आएगी कि कुल कितने करोड़ का घोटाला अंसल समूह की तरफ़ से किया गया है और कुल कितने पैसे आम ग्राहकों से ज़मीन देने के बदले लिए गए हैं. फ़िलहाल निवेशकों को सरकार से इंसाफ़ की उम्मीद है. ये इंसाफ़ कैसे और कब मिलेगा, ये बड़ा सवाल है. Share This Article Facebook Twitter Email Print Previous Article भाषा के नाम पर क्यों भिड़े हैं तमिलनाडु और केंद्र सरकार, कितना पुराना है हिंदी विरोधी आंदोलन Next Article गजब का फर्जीवाड़ा ! 100×50 फीट की एक ही इमारत में 425 बेड के चार अस्पताल और नर्सिंग कॉलेज Leave a comment Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ