जैसा कि आप सभी जानते हैं राजधानी दिल्ली की पुलिस के ऊपर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं। ऐसा ही एक बेहद चौका देने वाला मामला पूर्वी दिल्ली के थाना गाजीपुर से निकलकर सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गाजीपुर थाना इलाके का रहने वाला निवासी मामचंद थाना गाजीपुर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर बीड़ी सिगरेट पानी आदि बेचने की दुकान लगता है। यह दुकान ई रिक्शा के ऊपर लगाई जाती है। जिससे मामचंद के घर की गुजर बसर चलती है। आरोप है कि 17 दिसंबर 2024 को मोनू और मोहित नाम के पुलिसकर्मी एक अपने अन्य पुलिसकर्मी साथी के साथ प्राइवेट स्विफ्ट कार में मामचंद की दुकान पर पहुंचते हैं और जबरन उसे अपनी गाड़ी में बैठा लेते हैं। पीड़ित ने बताया कि थाने ले जाकर उसकी मामूली पिटाई भी की जाती है और उसे जेल भेजने की धमकी दी जाती है उसका जुर्म सिर्फ इतना था कि वह सड़क पर अपने ई रिक्शा पर दुकान लगाकर मेहनत मजदूरी कर रहा था।
पीड़ित मामचंद पुलिस की धमकियों से घबरा जाता है। और अपने आप को छुड़ाने की गुहार लगाता है। मोनू व मोहित नाम के पुलिसकर्मी उसे छोड़ने की एवज में उससे ₹25000 की मांग करते हैं।
काफी जद्दो जहद के बाद 10000/- रूपए में डील तय हो जाती है। और मोनू और मोहित नाम के पुलिसकर्मी उससे कहते हैं कि 10000/- रूपए नगद दे दो। हम तुम्हें छोड़ देंगे।
पीड़ित मामचंद कहता है कि रुपए नगद नहीं है रुपए मेरे पेटीएम में है। इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी किसी अज्ञात नंबर पर उससे 10400/- की राशि ट्रांसफर कर लेते है। ₹400 अतिरिक्त इसलिए लिए गए थे जिससे कि किसी को यह लगे कि यह रुपए उसने किसी से ब्याज पर लिए थे। और 10400/- रूपए ब्याज सहित वापस कर रहा हो।
आइए हम आपको सुनाते हैं। इस घटना से जुड़ी पीड़ित मामचंद की पूरी कहानी मामचंद की ही जुबानी।
राजधानी दिल्ली की पुलिस के ऊपर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहते हैं।
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